laghu udyog kya hai, लघु उद्योग संपूर्ण औद्योगिक अर्थव्यवस्था मैं महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है यह देश के विकास में रोज़गार क्षमता को बढ़ने में सहायक होता है लघु उद्योगों की आवश्यकता देश की परंपरागत प्रतिभा कला की रक्षा हेतु आवश्यक है अन्य महत्वपूर्ण दृष्टिकोण से लघु उद्योग निर्यात संवर्धन को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाता है लघु उद्योग निर्यात महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है यह निर्यात मे लगभग 32-34 % योगदान देता है जो कि सराहनीय है
ओर ये (मके इन इंडिया) को सफल बनाने मे सबसे अहम कडी़ बन रही है
इन उद्योगों को आरंभ करने के लिए व्यक्ति को किसी भी प्रकार की विशिष्ट दक्षता की आवश्यकता नहीं है यदि आप केवल कक्षा 10 पास कर चुके हैं इसके द्वारा आप अपनी प्रतिभा को निखार सकते हैं और अपने परिवार या आसपास में किसी को रोजगार प्रदान कर सकते हैं इन लघु उद्योग के माध्यम से हम लोगों में आत्मनिर्भरता का संचार करते हैं जिससे व्यक्ति मेहनती व ईमानदार बनता है
यह ऐसे उद्योग है जिसे कोई व्यक्ति छोटे पैमाने में शुरू कर आर्थिक सशक्त हो सकता है। कम लागत कम जमा पूँजी कि मदद से सेवाओं और उत्पाद का निर्माण करना प्रस्तुत करना लघु उद्योग की श्रेणी मे आते है
laghu udyog business list in hindi
- अगरबत्ती बनाना
- मोमबत्ती बनाना
- साबुन बनाना
- मसालों का उद्योग
- डिस्पोजेबल कप प्लेट बनाना
- फैंसी ज्वेलरी बनाना
- गाड़ी में लगने वाली हेड लाइट बनाना
- टोकरी बनाना
- झाड़ू बनाना
- पारंपरिक औषधीय बनाना
- पेपर बैग लिफाफे बनाना
- सोडा फ्लेवर ड्रिंक बनाना
- देसी मक्खन, घी , पनीर बनाना डिब्बा बंद करना बेचना
- राखी बनाना
- करंट मापने वाला वोल्टमीटर बनाना
- एलईडी बल्ब बनाना
laghu udyog loan
लघु उद्योग अर्थात जहां उत्पादन व सेवाएं छोटे पैमाने पर शुरू किए जाए तथा इसमें एक बार का निवेश 5 लाख से अधिक 1 करोड़ से कम रहता है अर्थात एक करोड़ से अधिक का निवेश एक बार में नहीं किया जा सकता है लघु उद्योग में तकनीकी अपेक्षा श्रम शक्ति को प्रोत्साहन दिया जाता है जिससे बेरोजगारी से राहत पाई जा सकती है यह उद्योग रोज़गार के निर्माण में अहम् भूमिका निभाता है
2020 के आर्थिक पैकेज के बदलाव में यह तय किया गया कि अब विनिर्माण और सेवा क्षेत्र को विभाजित नहीं किया जाएगा व निवेश तथा वार्षिक आय को भी देखा जाएगा इस तरह से उद्योगों का विकास व इससे देश को आर्थिक मदद मे कितना विकास हो सका है यह भी देखा जा सकता है ।
यह क्षेत्र न्यूनतम पूंजी लागत रोजगार उपलब्ध करवाता है
यह व्यक्ति की रोजगार व पूंजी की व्यवस्था से आत्मनिर्भरता प्रधान करवाता है लघु उद्योग क्षेत्रीय संतुलन विकासशीलता में सहायक भूमिका निभाता है लघु उद्योग को प्रारंभ करने के लिए सरकार द्वारा भी कहीं योजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान की जा रही है
government schemes for laghu udyog
इसके अंतर्गत किसी भी लघु उद्योग को प्रारंभ करने के लिए सरकार द्वारा प्रारंभिक तौर पर कुछ राशि सहायता के रूप में उपलब्ध कराई जाती है जिसका सरकार द्वारा कोई ब्याज नहीं लिया जाता है सरकार आर्थिक सहायता योजनाएं समय समय पर चलाई जाती है जिसका सरकार द्वारा कोई ब्याज नहीं लिया जाता है सरकार आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है
सरकार द्वारा लघु उद्योगों को प्रारंभिक राशि प्राप्त कराने हेतु सरकार कई योजनाएं चलाती है जिनमें से कुछ निम्नलिखित है
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम
लघु उद्योग छिपी हुई बेरोजगारी एवं अर्ध बेरोजगारी को मिटाने में भी सहायक है और एक खास तरीका है जिसके द्वारा युवा स्वरोजगार की और क्रमोन्नत होते हैं लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 30 अगस्त को लघु उद्योग दिवस भी मनाया जाता है उद्योगों को उनकी कार्यप्रणाली के अनुसार मुख्य रूप से निर्माण क्षेत्र एवं सेवा क्षेत्र में बांटा जाता है.
- सेवा क्षेत्र में कंपनी की सेवा योजनाएं उनके उत्पाद एवं सेवा सहायक रूप में होती है जैसे बीमा खतौनी हिसाब किताब परामर्श इत्यादि
- निर्माण क्षेत्र के अंतर्गत वस्तु का निर्माण बिक्री जैसे कार्य आते हैं जिसके तहत कार कंप्यूटर फोन एवं निर्माण शील वस्तुओं का व्यापार निर्माण क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं
- सूक्ष्म उद्योग
- लघु उद्योग
- मध्यम उद्योग
सूक्ष्म उद्योग यह उद्योग निम्न स्तर पर प्रारंभ किए जाते हैं जिसमें निर्माण क्षेत्र के आधार पर शुरुआती निवेश 50 लाख तक होता है वह सेवा क्षेत्र के आधार पर निवेश 5 लाख ही हो सकता है इसे सूक्ष्म उद्योग की श्रेणी में रखा जाता है
लघु उद्योग यह उद्योग निर्माण क्षेत्र में प्रारंभिक राशि कम से कम 25 लाख ज्यादा से ज्यादा 5 करोड़ तक का हो सकता है तथा क्षेत्र में निवेश राशि लाख से कम 10 लाख ज्यादा से ज्यादा 2 करोड़ तक ही निवेश किया जा सकता है यह क्षेत्र निवेश आधार पर लघु उद्योग की श्रेणी में आते हैं
मध्यम उद्योग यह उद्योग क्षेत्र लघु उद्योग क्षेत्र से कुछ बड़े पैमाने पर प्रारंभ किया जाता है जिसमें प्रारंभिक निवेश 5 करोड से 10 करोड़ के मध्य निर्माण क्षेत्र में किया जा सकता है तथा सेवा क्षेत्र में दो करोड़ से 5 करोड़ के मध्य निवेश किया जा सकता है
इस प्रकार प्रारंभिक निवेश व कार्य क्षमता के अनुसार लघु उद्योग को विभिन्न भागों में विभाजित किया जाता हैएवं उद्योगों को विभिन्न स्तरों पर प्रारंभ भी किया जा सकता है
लघु उद्योग को स्वरोजगार पर्याय के अलावा हमारी अर्थव्यवस्था में भी सहायक माना जाता है जैसे कि लघु उद्योग और कुटीर उद्योग का रोजगार उत्पादन वह मेरे हर स्तर मैं बढ़ते योगदान को देखकर सरकार ने भी इसे विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सहायता राशि व सब्सिडी के द्वारा मदद पहुंचा कर बढ़ावा दिया है
सरकार की योजनाओं में प्रारंभिक सहायता या व्यापार बढ़ोतरी के लिए व्यक्ति सीधे सरकार से सहायता प्राप्त कर सकता है जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन SSI ( स्माल सोशल इंडस्ट्रीज) रजिस्ट्रेशन कर सब्सिडी व लोन प्राप्त कर सकते हैं एसएसआई रजिस्ट्रेशन MSME( माइक्रो स्मॉल मीडियम एंटरप्राइजेज) मंत्रालय द्वारा किया जाता है
भारत सरकार की मुद्रा योजना व अन्य सहायक योजनाओं ने लघु उद्योगों को बड़े पैमाने पर सहयोग प्रदान किया है
जिसके द्वारा हमारा देश विकास की और अग्रसर हो रहा है.
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