vijay mallya को कौन नहीं जानता एक बड़ा प्रसिद्ध व्यवसायी इतना बड़ा व्यवसाय स्थापित कर अचानक से कर्ज में डूब कर अपनी अच्छी स्थिति का पतन कर दिया जिसे एक समय पर भगोड़ा घोषित कर दिया गया था।
विजय विट्ठल माल्या एक भारतीय व्यापारी और पूर्व संसद सदस्य थे वह भारत में वित्तीय अपराधों के आरोपों का सामना करने के लिए यूके से उसे वापस करने के भारत सरकार के प्रत्यर्पण प्रयास का विषय है।
माल्या रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर क्रिकेट टीम के पूर्व मालिक पुत्र थे। तब से वह बहुत विख्यात हो गए थे। vijay mallya, विट्ठल माल्या के पुत्र, 28 वर्ष की उम्र में व्यवसाय की दुनिया में अपना कदम रखा।
उन्होंने अपने पिता की मृत्यु के बाद 1983 में यूनाइटेड ब्रेवरीज ग्रुप की अध्यक्षता की जिम्मेदारी ली। तथा इस ग्रुप के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने भारत में अल्कोहल जिसको किंगफिशर के नाम से भी जाना जाता है जिसके कई उत्पाद है शायद ही कोई किंगफिशर से बेखबर होगा।
इसके साथ-साथ उन्होंने विमान अवसंरचना में भी अपना योगदान दिया। अपने शुरुआती दौर में ही 1983 में यूनाइटेड ब्रेवरीज ग्रुप के अध्यक्ष बनने के बाद ही इस समूह ने 60 से अधिक कंपनियों का विस्तार करते हुए एक बड़ी बहुराष्ट्रीय समूह में बदल लिया।
अपने व्यवसाय दुनिया में कदम रखते हुए 1988 में बरजर पेंट्स बेस्ट वैप कॉम, ब्रंटन जैसी कंपनियों का स्वामित्व लिया। यहां तक ही सीमित नहीं था। vijay mallya ने आगे इन्हें 1990 में बेंगलुरु केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स का स्वामित्व भी लेकर अपने व्यवसाय में नए पंख लगाए।
जैसा कि आप जानते हैं यूनाइटेड कि किंगफिशर बियर को भारत में बाजार में लाने में माल्या की ही महत्वपूर्ण भूमिका थी जिसका बाजार में 50% से अधिक पर चलता है तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में 52 अलग देशों में यह उपलब्ध है।
यूबी ग्रुप की स्पीड लिमिटेड माल्या की अध्यक्षता में माल्या ने 100 मिलियन की बिक्री कर इस कंपनी को विश्व की दूसरी सबसे बड़ी स्पीड कंपनी बना दिया। किसी कारण वर्ष 2012 में vijay mallya ने यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड के प्रबंधन कार्य को दिया जिओ को दे दिया जिसकी इस व्यवस्था में कमी से डाली थी।
इस समय से ही माला के व्यवसाय में की शुरुआत होने लगी। इतने विशाल व्यवसाय स्थापित करने के बाद शायद ऐसा होना दुर्भाग्यवश था। माल्या को 2015 में यूनाइटेड स्प्रिट्स के अध्यक्ष के रूप में इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया तथा बदले में 75 मिलियन डॉलर का भुगतान करने का सौदा किया गया।
परंतु भारत के न्यायालयों ने कुछ अवैध गतिविधियों के कारण इस सौदे को होने से रोके रखा। परिणाम स्वरुप व्यवसाय के सारे आयामों का पतन होना शुरू हो गया। कर्ज में डूबते डूबते 2005 में स्थापित प्रमुख किंगफिशर एयरलाइंस चुम्मा ले द्वारा एक प्रसिद्ध व्यवसाय उद्यमिता।तथा यह भी दिवालिया होने के कारण इसे बंद करना पड़ा।
गौरतलब है यह बात है कि माल्या ने अपने कर्मचारियों को भी 15 महीनों के। वेतन का भुगतान नहीं किया था। इतने बुरे हालात हो गए कि उसे इस एयरलाइन का लाइसेंस भी खो दिया कर इतना था कि बैंकों से एक बिलियनन डॉलर से अधिक बकाया ऋण जमा हो गया था। बकाया कर व बकाया ऋण सब तरीके से आर्थिक संकट vijay mallya पर आ चुका था।
इतनी बुरी हालत हो गई थी कि छोटे लेनदार ओ का बिल बकाया था भारतीय कानून के तहत माल्या को विलफुल डिफॉल्टर का आरोप लगाया गया जिसका आ अर्थ है उसने जानबूझकर ऐसा किया। जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग, गलत, व्यवहार आदि के आरोप माल्या पर लगाए गए।बैंकों में कर्ज इतना बढ़ गया। vijay mallya विदेश जाकर बस गया विदेश जाने से रोकने के लिए बैंकों के एक संघ ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका की कि वह माल्या को विदेश जाने से रोके परंतु वह मैं पहले ही भारत से फरार हो चुका था।
ऐसा समय आ गया था कि भगोड़े शराब कारोबारी vijay mallya ने कहा कि के पास अब ना रहने को ना खाने को कुछ भी नहीं है और ब्रिटेन की अदालतों में चल रहे मामलों में कानूनी फीस का भुगतान करने के लिए भी पैसे नहीं है। vijay mallya ने कानूनी नियंत्रण में पड़ी अपनी कई लाख लाख रूपए की राशि निकालने की छूट दिए जाने की मांग की।
13 मार्च 2016 को एक अदालत ने माल्या की गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट लागू किया। परंतु vijay mallya के वकील यह सिद्ध कर रहा था कि माल्या के पास अभी भी लंदन में संपत्ति है। तथा मुंबई में भी माल्या के खिलाफ वारंट जारी किया गया।
जून 2016 मे ईडी ने माल्या के खिलाफ संपत्ति जप्त की इसके अलावा ईडी ने मान लिया कि कई विदेशी संपत्तियां जो अमेरिका ब्रिटेन और यूरोप में थी उनके लिए भी कानूनी पत्र भेजने का निर्णय लिया।
इस तरह के से धीरे-धीरे मालिया के सारे कर्ज पता चलता गया। भारत सरकार को ब्रिटेन में चल रही गुप्त गतिविधियों के बारे में बिल्कुल मालूम नहीं है जो माल्या के प्रत्येक चरण में देरी कर रही है।
विदेश मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि ब्रिटिश सरकार ने vijay mallya के प्रति अप्रैल की समय सीमा। निर्धारित नहीं कर रखी है ब्रिटिश उच्चायुक्त सर फिलिप बटन ने पहले कहा था कि विदेश मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया है कि यूके में उच्चतम न्यायालय द्वारा शराब कारोबारी vijay mallya के प्रत्येक चरण में आदेश अभी तक लागू नहीं हुए।
समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा है कि ब्रिटेन में चल रही गुप्त गतिविधि की अभी तक कोई जानकारी नहीं है समाचार एजेंसी की रिपोर्ट में सॉलीसीटर जनरल हेलो सर मेहता ने कहा है कि सरकार ना तो ऐसी स्थिति वाली कार्रवाई से कभी अवगत है। ना ही ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में कोई पक्ष है जिसने मालिया के प्रति अपना को मंजूरी दी थी।
जुलाई 2020 में भारतीय मीडिया ने बताया कि माल्या ने 139 बिलियन रुपए का सेटलमेंट पैकेज देने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया ताकि बैंकों से हो रहे हैं कर्ज मुक्ति से उसे राहत मिले परंतु यह प्रस्ताव भी विफल रहा। यह समझौता बैंकों द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था।
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